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Showing posts from February 11, 2014

Bekadar duniya बेकद्र दुनिया

बेकद्र  एक ऐसा शब्द है जो हमें कुछ सोचने पर मजबूर कर देता है | जब भी हम इस शब्द को किसी से सुनते है तो, आखिर क्यों?, क्या?, कैसे? यह शब्द इस तरह के प्रश्नों के रूप में हमारे दिमाग में आते है| जब कभी भी आप इस शब्द का इस्तेमाल करते है तो एक ही बात आपके ज़ेहन या आपके मन में आ ही जाती है | "नफरत" वो क्यों? क्युकी या तो वह इंसान आपकी इच्छाओ पर खरा नहीं उतरा या इंसानियत की मिसाल को दाघिन्न कर रहा है | आप भी यह सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों मैंने इस शब्द का इस्तेमाल किया? आखिर क्या जरूरत आन पड़ी मुझपर जो "बेकद्र" शब्द आज मेरा ब्लॉग पोस्ट बन गया | "बेकद्र " यह शब्द किसी इंसान के लिया भी इस्तेमाल किया जा सकता है और पुरे समाज के लिए भी | समझ समझ का फैर है  अगर हम यु कहे की आपने किसी वस्तु या किसी विशेष व्यक्ति की कदर न करने को बेकदरी केहते है तो आप थोडा हल्का समझेंगे और दुसरे शबदो में कहे तो " इच्छाओ के साथ साथ खिलवाड़ करना, किसी की मज्बूरी को न समझना, अपने आप में गुरुर करना बेकद्री को दर्शाता है| मैंने कई जगहों पर लोगो को हस्ते देखा है रोते हुए भी देखा है मगर