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Showing posts from April, 2014

भारत में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता का एक गमगीन सफ़र

हमारे देश में वैसे तो बहुत सारी राजनीतिक पार्टियाँ हैं| अपने किये संघर्ष के बलबूते पर आज यह बड़ी पार्टियों  के रूप में उभर कर आ रही हैं| भारत में यह कांग्रेस, बीएसपी, बीजेपी, अकाली दल, सीपीआई, सीपीएम जैसे और भी बहुत सी पार्टियों के रूप में उभर कर आई हैं जिनका मैदानी संघरस काफी काबिले तारीफ रहा हैं| हम जब भी इन सब पार्टियों को याद करते है तो हमे सिर्फ गिने चुने लोग ही याद आते हैं, और अगर हम उस पार्टी के समर्थक है या प्रशंशक है तो हो सके मुश्किल कुछ और लोगो के नाम याद आ जाए | भारत एक लोकतान्त्रिक देश के रूप में विश्व में प्रचलित हैं. लोकतंत्र माने - लोगो का तंत्र, जहा लोगो को अपनी समाज के प्रति हिसेदारी रखने, अपने बिच से सही व्यक्ति को पुरे समाज के लिए प्रतिनिधि चुनने का पूरा हक हैं| लोकतंत्र का सही मतलब हम में से बहुत से लोग शायद समझ नहीं पा रहे है या फिर जानना ही नहीं चाहते है| राजनीति में लोकतंत्र का वजूद अब अपने मुद्दे से बिखरा हुआ सा लग रहा हैं यहाँ हर पार्टी अपन झंडा लहराने में महारत हासिल कर चुकी है चाहे वो भारत हो या कोई और देश| मगर हममे से किसी ने भी कभी उन लोगो के बारे में सो

Gujarat का आराम दायक सफ़र : Ravish Kumar #Primetime

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सफ़र का अफसाना बयां किया नहीं जाता हो जाता है| आज कल सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब) पर राजनीती के प्रचार का जरिया बना हुआ है| जिसे भी देखो वो अपने ही पार्टी की गुण गान सोशल मीडिया द्वारा कर रहा है. कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन मेरे शब्द उतने अहमियत नहीं रखते की आप हमसे सहमत भी हो जाये और बात भी मान ले| गुजरात, विकाशील शहर जो आजकल सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड बनकर उभर रहा है. विकास और उसके पीछे किसका हाथ यह साबित करने के लिया आज सारी पार्टिया अपने शाम दाम दंड भेद के जरिये से साबित करने में तुली हुई है की कौन है इस विकास का असली हकदार| यह कई बार देखा गया है बहुत से लोगोग द्वारा जो हमे टीवी पर दिकह्या जाता है वह १००% प्रतिशत सच नहीं होता है मगर उसे १००% साबित करने के लिए कितनी जदोजेहद करते है यह(पार्टी) आपतो जानते ही है. पिछले कुछ महीनो से में फेसबुक पर एक हॉट विषय चर्चा में है.......... मोदी का विकास-गुजरात   बहुत से न्यूज़ फीड फेसबुक पर आते है मोदी जी और उनके विकास को लेकर मगर बात तब हजम नहीं होती जब हम उसे अपने तर्क के आधार पर समझते है और उसकी सचाई का पता लगते है की यह