पूंजीवादी सोच का असर Capitalism Impact on Society

पूंजीवादी सोच काफी खतरनाक, हानिकारक एवं बेफिक्र किस्म की होती है जिसमे पैसा इंसान की जरुरत न होकर उसकी मज़बूरी में तब्दील हो जाता है. और मजबूरी सिर्फ पूंजीवादी सोच ही पैदा करती है | आजकल टीवी पर आये दिन नए नए प्रोग्राम टेलीकास्ट किये जा रहे है जिसमे ज्यदातर संख्या में भागीदारी बच्चो की ही दिखाई पड़ती है| इनमे से कुछ बच्चे इस प्रोग्रामो के माध्यम से बहुत अच्छे और जाने-माने स्टार बन जाते है, तो कुछ इस स्टार किड्स की लाइन से कोसो दूर दिखाई देते है|

मैं हमेशा सोचा करता था कि आजकल का समय समाज में बहुत तेजी से बदलाव पैदा कर रहा है | खास तौर पर भारत में तो हद से ज्यादा और इसी सोच के चलते मैं यह टैलेंट शो बहुत चाव से देखा करता था | और खुश भी हुआ करता था की चलो हम तो अपने बचपन के समय में इतनी नहीं मगर कुछ विशेषताओ के साथ भी बहुचर्चित नहीं हो सके मगर यह तो हो रहे है | 
मेरे पापा अक्सर कहा करते थे कि "इस टैलेंट हंट शो की वजह से इन बच्चो का भविष्य ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा, क्योंकि बचपन भी इस शो की वजह से गायब हो रहा है, छिन रहा  है| जिनके पास पैसा आ गया वह तो बहुत खुश और जिनके पास असफलता हाथ लगी वो माँ-बाप अपना गुस्सा अपने अपने बच्चो पैर मड देते है और इसी वजह से बच्चे अपना बचपन भी सही ढंग से जी पाते|"
सोचिये, वो कैसी ज़िन्दगी होगी जिसमे में एक व्यक्ति अपनी बचपन के लम्हे को सही ढंग से न जी सका हो, ज़िन्दगी का सबसे हसीं लम्हा भी उससे छीन गया हो | इसका सबसे बड़ा करना पूंजीवाद और कुछ नहीं |
हममे से बहुत से लोग सोचते है की पैसा सबकुछ है और मैं उन लोगो की बात पर सहमत हूँ मगर जब उन लोगो की ज़िन्दगी को देखता हूँ तो अपना इरादा बदल ही जाता है|

चलिए मुद्दे पर बात करते है| मन भी लिखते लिखते भटका देता है चंचल जो ठहरा |
कल मैं जब ऑफिस में काम कर रहा था तब एक खबर से अवगत हुआ मतलब सामना हुआ | खबर, साउथ इंडियन एक्ट्रेस देह व्यापार के चलते गिरफ्तार | और यह खबर गूगल की लिस्ट में ट्रेंड भी कर रही थी| जानकारी के थोडा सर्च किया और जानना चाह आखिर क्यों एक एक्ट्रेस देह व्यापार में गयी और वो कौन थी ?

आपके सामने कुछ तथ्य है ध्यान से पढियेगा पूंजीवाद से लिंक करने में आसानी रहेगी,
१. नाम- दिव्या श्री, कन्नड़ फिल्म की एक्ट्रेस ३ साल की उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी. सिर्फ ३ साल की उम्र में|
तभी सर्च लिंक में दूसरी एक्ट्रेस का नाम भी आया जिनका नाम  भी कुछ दिनों पहले देह व्यापार को लेकर चर्चा में रहा था | और आप भी इस एक्ट्रेस को अच्छी तरह से जानते है |
२. नाम- स्वेता बासु प्रसाद, नाम से तो आप लोग इन्हें नहीं जानते होंगे मगर काम से आप लोग इन्हें जानते है| आप ने बॉलीवुड फिल्म - मकड़ी और इकबाल तो जरुर दिखी होगी, 
फिल्म मकड़ी में स्वेता प्रसाद डबल रोले में दिखी है. और फिल्म इकबाल में श्रेयास तालपडे की छोटी बहन| इन्होने भी अपने करियर की शुरुरात बच्चपन में शुरु कर दी थी |

बचपन में ही दोनों एक्ट्रेस ने अपने करियर की शरुआत कर दी थी, शिक्षा दोनों में से किसी ने पूरी नहीं ली| नतीजा दोनों का एक ही - देह व्यापार| स्वेता ने पूछताछ में बताया, "पैसे की तंगी की वजह से खुद एवं परिवार की ज़रूरत को पूरा करने की लिए मुझे इसमें जाना पड़ा और यह सच है इस इंडस्ट्री में ज्यादतर लडकियों को यह रास्ता अपनाना पड़ता है" स्वेता प्रसाद को हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलम से नेशनल अवार्ड भी मिला हुआ है|

अब सवाल यह उठता है कि कारण क्या है ? आखिर क्यों इन दोनों को बतौर एक्ट्रेस देह व्यापार में जाना पड़ा ?

जवाब:  
१. बचपन, २. जरुरत, और ३. समझ
बचपन , जब बचपन में ही बच्चे को बिना समझ और हिसाब के जरुरत से ज्यादा पैसा मिले तो वो उसे तरह उस पैसे को खर्च करता है और करेगा|
जरुरत, और जब पैसा जरूरत बन जाए तो इंसान उसे पाने की हर कोशिश करने लगता है जिसके चलते वेह कई बार सही और गलत के बिच फैसला नहीं कर पाता |
समझ. और यह दोनों एक इंसान की सोच को पूंजीवादी सोच बनाने के लिए बहुत है |   


राहुल विमल 
  

Comments

  1. There is an ideological problem and is only visible within a specific ideological orchestration of system, where Sexuality becomes the mastercode into all discourses - Commercial, Political, Philosophical even religious.

    I believe it is the battle between the forces of 'Liberation' & 'Repression'

    ReplyDelete
    Replies
    1. Capitalist approach control collectively both forces i,e, Liberation and repression.

      Delete

Post a Comment